केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के PA नितेश साहू ने जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में अपना PA बनाकर भेजा, CEO ने बैठक से निकाला
बिलासपुर। जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में आज केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के दो दो प्रतिनिधि शामिल हुए थे। बाद में पता चला कि एक प्रतिनिधि फर्जी है और मंत्री के PA नितेश साहू ने उसे बैठक में शामिल होने के लिए भेजा था। हालांकि बाद में जिला पंचायत CEO ने उसे बैठक से बाहर निकाल दिया।कई बार नेताओं की शराफत उसकी कमजोरी साबित हो जाती है।

यह बात केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू पर फिट बैठ रही है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि तोखन साहू बेहद सौम्य, शालीन और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी है। उनका कार्यालय हर आम और खास के लिए खुला हुआ है। लेकिन उसके इर्द गिर्द रहने वाले इसका भरपूर फायदा उठा रहे है। कुछ भूमाफिया पूरे समय उनके आसपास नजर आते है। कुछ तो जातिगत समीकरण के चलते उनके स्टाफ में घुस गए है। उनमें से एक नाम है नितेश साहू का जो मंत्री के PA बन गए है। बकायदा इनका वेतन भत्ता भी बनता है। PA बनने के बाद से उनकी ढेरों किस्से कहानियां राजनीति के गलियारों सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन सबूत के अभाव में उनका जिक्र करना उचित नहीं है।
ताजा मामला जिसमें पता चला है कि नितेश साहू ने अपना पर्सनल और मंत्री के पेरलल स्टाफ बना रखा है। जिनकी धमक हर सरकारी विभाग में है। शुक्रवार को उसने अपने एक खास चेले मोहनीश कौशिक को जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में भेज दिया।
मोहनीश एक गांव में पंच है और उसने अपना परिचय केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के प्रतिनिधि रूप में दिया। बैठक में पूरे ठसन के साथ न केवल शामिल हुआ बल्कि अधिकारियों से सवाल जवाब भी किया। जबकि इसी बैठक में तोखन साहू के प्रतिनिधि के रूप में शिव साहू भी बैठे थे। जब इस बात को लेकर खुसुर फुसुर हुई तो मामला खुल गया और सवाल उठने लगी कि एक जन प्रतिनिधि के दो प्रतिनिधि बैठक में कैसे शामिल हो सकते है ? बात मीडिया तक पहुंची तब तक मोहनीश कौशिक बैठक से बाहर निकाले जा चुके थे। बाहर मीडिया के लोगों ने उससे पूछा कि किस हैसियत से और किसके कहने पर वे बैठक में शामिल हुए थे। उसका जवाब था कि उसे नितेश साहू ने जिला पंचायत के काम को समझने के लिए भेजा था और उन्हीं के कहने पर वे बैठक में शामिल हुए थे।