छत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ी सिनेमा के दो प्रमुख नाम सतीश जैन और मोहित साहू बीते कुछ समय से चर्चाओं में रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच मोहित साहू ने एक सहज और परिपक्व बयान देकर माहौल को संतुलन की ओर मोड़ दिया। उन्होंने कहा – मेरी सतीश जैन से विचारों की लड़ाई जरूर रही, लेकिन हमारे बीच कोई मनभेद नहीं है। हमारी आपसी बॉन्डिंग अच्छी है।

‘गुईयां 3’ का संकेत, अमलेश को लेकर बोले – इंतजार कीजिए
साहू ने “गुईयां 3” की घोषणा करते हुए जब यह पूछा गया कि क्या इसमें अमलेश नागेश भी होंगे, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा – उसके लिए आपको तीसरे भाग का इंतजार करना होगा।

अमलेश को लेकर स्पष्ट विचार
मोहित बोले – यहां के अधिकतर मेकर्स अमलेश से मतलब का रिश्ता रखते होंगे, लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं। मैं उन्हें अक्सर कहता हूं कि जब भी शूटिंग में जाओ, तो अपने वीडियो बनाकर शेड्यूल में डालो ताकि तुम्हारे चाहने वालों को कंटेंट मिलता रहे। उन्हें पब्लिक से प्यार मिला है, तो उन्हें दूरी नहीं बनानी चाहिए। वह अब एक पब्लिक फिगर हैं और उन्हें तमाम प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहना चाहिए।”l

‘छैयां भुईयां’ को बताया इंडस्ट्री की रीढ़
साहू ने कहा , मोर छैयां भुईयां 3 को दर्शक भरपूर प्यार दें, क्योंकि यह टाइटल हमारी इंडस्ट्री की रीढ़ है। इस फिल्म के कारण आज इतने लोग फिल्में बना रहे हैं। अगर ये फिल्म नहीं होती, तो शायद छत्तीसगढ़ी सिनेमा का वर्तमान इतना मजबूत न होता।
कमबैक पर बोले – मैं गया ही कहां था!
अपनी वापसी को लेकर आए कयासों पर उन्होंने कहा –मैं कहीं गया ही नहीं, तो कमबैक की बात ही नहीं उठती। मैं यहीं हूं, पहले की तरह।
प्रीमियर पर पहुंचे, जैन ने किया स्वागत
बता दें कि मोहित साहू ने फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी दी थी कि वे प्रभात टॉकीज़ में शाम 6 बजे ‘मोर छैयां भुईयां 3’ देखने आएंगे। खास बात यह रही कि सतीश जैन ने उन्हें पूर्व में हुए विवाद के बावजूद प्रीमियर शो के लिए आमंत्रित किया था। कुछ इन्फ्लुएंसर से बातचीत में मोहित ने खुद भी बताया था कि उन्हें सतीश जैन ने न्योता भेजा था, लेकिन वे अपनी फिल्म ‘जानकी’ के पोस्ट-प्रोडक्शन में व्यस्त होने के कारण नहीं आ सके थे।
फेसबुक पर बड़प्पन
फिल्म देखने के बाद मंगलवार सुबह मोहित साहू ने सोशल मीडिया पर सतीश जैन के साथ एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा:
कल मैंने मेरी टीम के साथ छैयां भुईंया 3 देखी… श्री सतीश जैन जी ने मुझे सम्मान दिया, अच्छे से बात की, आशीर्वाद दिया… इसके लिए धन्यवाद… जो फिल्म को पब्लिक ने हाथों-हाथ उठा लिया, उसके लिए मेरी समीक्षा नहीं बनती… ब्लॉकबस्टर… बधाई और शुभकामनाएं जैन साहब और टीम को…”
इस पोस्ट में भले ही शब्द कम थे, लेकिन भाव बड़े थे। कुछ देर बाद ही सतीश जैन ने उस पोस्ट पर कमेंट किया:
“बहुत-बहुत धन्यवाद मोहित… तुम हमारी फिल्म देखने आए तो सारे गिले-शिकवे दूर हो गए। तुमने फिल्म की तारीफ की, ये तुम्हारा बड़प्पन है।”
विनम्र और गरिमामयी प्रतिक्रिया ने यह जता दिया कि बड़े कलाकार वही होते हैं, जो क्षमाशील भी होते हैं।
शब्दों से नहीं, सम्मान से खत्म हुए मतभेद
यह पूरी घटना सिर्फ दो फिल्मकारों के मतभेद समाप्त होने की कहानी नहीं है, यह उस संवेदनशीलता और शालीनता का प्रतीक है जो कला जगत को खास बनाती है।
जहां एक तरफ मोहित साहू ने विवादों के बाद भी एक सच्चे दर्शक की तरह फिल्म देखी, वहीं सतीश जैन ने आलोचनाओं को भूलाकर एक सच्चे निर्माता की तरह खुले दिल से स्वागत किया।
और जब दोनों ने सोशल मीडिया पर एक-दूसरे की प्रशंसा की, तो यह साबित हुआ कि मनभेद मिटते वक्त नहीं लगते, अगर दोनों तरफ ‘बड़प्पन’ हो।