खारून पार का फर्स्ट लुक रिलीज़: छत्तीसगढ़ी क्राइम थ्रिलर 12 सितंबर को सिनेमाघरों में मचाएगी धमाल
रायपुर: छत्तीसगढ़ी सिनेमा में एक नए और रोमांचक अध्याय की शुरुआत होने जा रही है। रायपुर की प्रसिद्ध खारून नदी और महादेव घाट से प्रेरित क्राइम थ्रिलर फ़िल्म “खारून पार” का फर्स्ट लुक सोशल मीडिया पर रिलीज़ हो चुका है और यह दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यह फ़िल्म 12 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी, और इसके सस्पेंस-थ्रिलर जॉनर ने पहले ही उत्सुकता बढ़ा दी है।

छत्तीसगढ़ी सिनेमा में अब तक फैमिली ड्रामा और लव स्टोरी आधारित फ़िल्में ही प्रमुख रही हैं, लेकिन “खारून पार” एक नया प्रयोग है। इस फ़िल्म का फर्स्ट लुक देखकर यह स्पष्ट है कि यह एक सस्पेंस से भरी क्राइम थ्रिलर है, जो छत्तीसगढ़ी सिनेमा को एक नई दिशा दे सकती है। दर्शकों और समीक्षकों के बीच यह कयास लगाया जा रहा है कि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर क्या कमाल दिखाएगी।
“खारून पार” एक मल्टी-स्टारर फ़िल्म है, जिसमें छत्तीसगढ़ी सिनेमा के चर्चित चेहरे शामिल हैं। मुख्य भूमिका में हैं एल्सा घोष, जिन्हें “ले शुरू होगे मया के कहानी” और “मोर छैयाँ भुइयाँ 2” जैसी हिट फ़िल्मों में देखा जा चुका है। उनके अपोजिट शील वर्मा नजर आएंगे, जो “ले चलहू तोला अपन दुवारी” में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत चुके हैं। इनके अलावा विशाल दुबे (“वैदेही”, “दंतेला”), राया डिंगोरिया, और मशहूर कॉमेडियन अमन सागर भी अहम किरदारों में दिखेंगे। इस युवा और प्रतिभाशाली स्टारकास्ट ने फ़िल्म के प्रति दर्शकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।
“इनसाइड मी ओरिजनल्स” का दूसरा प्रोजेक्ट”खारून पार” का निर्माण इनसाइड मी ओरिजनल्स के बैनर तले हुआ है, जिन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी परीक्षा CGPSC पर आधारित वेब सीरीज “सरकारी अफ़सर” बनाकर यूट्यूब पर लाखों दर्शकों का ध्यान खींचा था। इस फ़िल्म के पीछे एक युवा और प्रतिभाशाली क्रू है, जिसमें NIT रायपुर के पूर्व छात्र दिव्यांश सिंह, साईं भरत, विवेक कुमार, और ऋत्विक सिन्हा शामिल हैं। ये सभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद फ़िल्ममेकिंग में कदम रख चुके हैं। इस युवा टीम का यह दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है, और इनके नए दृष्टिकोण और जोश ने फ़िल्म को और भी खास बना दिया है।
सोशल मीडिया पर रिलीज़ हुए फर्स्ट लुक में फ़िल्म का माहौल रहस्यमयी और रोमांचक नजर आ रहा है। खारून नदी और महादेव घाट की पृष्ठभूमि में यह कहानी क्राइम और सस्पेंस का ताना-बाना बुनती दिख रही है।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा में इस तरह के कंटेंट का अभाव रहा है, और “खारून पार” इस कमी को पूरा करने का प्रयास करती नजर आ रही है।
बॉलीवुड में क्राइम थ्रिलर फ़िल्मों का दबदबा रहा है, और अब छत्तीसगढ़ी सिनेमा भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है। “खारून पार” की स्टारकास्ट, मेकर्स की प्रतिष्ठा, और नए जॉनर के कारण यह फ़िल्म दर्शकों के लिए एक ताज़ा अनुभव हो सकती है। युवा क्रू और कलाकारों का यह प्रयोग कितना सफल होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।