“समोसा कहीं बड़ा, कहीं छोटा” इतने अलग रेट क्यों? कीमत और क्वालिटी को लेकर बने कानून- रवि किशन, सांसद गोरखपुर
Uttar Pradesh News: भाजपा सांसद रवि किशन ने लोकसभा में ढाबों और होटलों में मिलने वाले दाल, समोसे, वड़ा पाव आदि खाद्य पदार्थों के मानक तय करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने मूल्य के साथ मात्रा निर्धारित करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की मांग की है।
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लोकसभा में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने ढाबों और होटलों में मिलने वाले समोसे, वड़ा पाव आदि खाद्य पदार्थों के मानक निर्धारित करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस संबंध में कानून बनाने की मांग की है। रवि किशन ने कहा कि आबादी के लिहाज से भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। हमारे देश में प्रतिदिन ढाबे और होटलों में करोड़ों लोग भोजन करते हैं। यहां स्थान और स्तर के हिसाब से खाद्य पदार्थों का मूल्य ग्राहकों से लिया जाता है। मुंबई में वड़ा पाव खाएंगे वहां अलग कीमत है, फाइव स्टार में जाओ, वहां अलग है। यहां चांदनी चौक में समोसा अलग रेट में मिलता है, गोरखपुर में गोल बाजार में अलग रेट पर मिलता है।
गोरखपुर सांसद रवि किशन ने कहा कि किसी भी ढाबे या होटल में मात्रा कितनी होगी, ये मानकीकरण नहीं किया गया। कहीं कटोरी भर छुट्टा में दे देला, कहीं बड़ा समोसा मिलता है। ये आज तक हमको भी समझ में नहीं आया। इतना बड़ा बाजार जहां करोड़ों की संख्या में ग्राहक हैं, बिना किसी रूल्स एंड रेगुलेशन के चल रहा है। हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में कई क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन किए लेकिन अभी तक ये क्षेत्र अछूता है।
रवि किशन ने कहा कि मेरी मांग है कि छोटे ढाबे से लेकर सामान्य रेस्टोरेंट, फाइव स्टार होटलों में मिलने वाले खाद्य पदार्थों के मूल्य, गुणवत्ता और उसकी मात्रा को निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर के होटल और ढाबों में मिलने वाले भोजन की मात्रा का मानक तय हो। मेन्यू कार्ड में सिर्फ कीमत लिखी होती है, मात्रा नहीं, जिससे ग्राहकों को भ्रम होता है और भोजन का वेस्टेज भी होता है। मेरी मांग है कि सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे मेन्यू में मूल्य के साथ-साथ खाद्य पदार्थ की मात्रा का भी उल्लेख हो। उपयोग किए गए तेल या घी की जानकारी भी दी जाए। ग्राहक का अधिकार है कि वह जाने कि वह कितनी मात्रा के लिए कितना भुगतान कर रहा है।