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भिलाई की असमी खरे को स्‍वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति भवन से मिला आमंत्रण, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 में शानदार जीत का सम्मान

 रायपुर। छत्तीसगढ़ के भिलाई की होनहार छात्रा अस्मी खरे को स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘एट होम’ स्वागत समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से विशेष आमंत्रण मिला है। यह सम्मान अस्मी को उनकी टीम ‘कोडिंग विजार्ड’ के नेतृत्व में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 में शानदार जीत हासिल करने के लिए दिया गया है।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 में अस्मी की उपलब्धि- भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) दुर्ग से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की पढ़ाई कर रही अस्मी खरे ने एनआईटी श्रीनगर में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 में अपनी टीम का नेतृत्व किया। उनकी टीम ने गेल इंडिया के लिए एक नवाचारी जियो-लोकेशन आधारित उपस्थिति प्रणाली विकसित की, जो जीपीएस के माध्यम से बिना हस्तक्षेप के उपस्थिति दर्ज करती है। इसके अतिरिक्त, टीम ने उन क्षेत्रों के लिए एक ऑफलाइन उपस्थिति प्रणाली भी विकसित की, जहां इंटरनेट की उपलब्धता सीमित है।

यह प्रणाली गेल साइट के कर्मचारियों को मोबाइल ऐप के माध्यम से आपात स्थितियों की त्वरित रिपोर्टिंग में सक्षम बनाती है, जिससे समय पर कार्रवाई सुनिश्चित होती है। अस्मी की टीम में यशवर्धन सिंह, विपिन कुमार गौतम, प्रथम साहू, मयंक देशलहरा और जतिन कुंजाम शामिल थे। इस नवाचारी समाधान ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में उनकी टीम को देश की शीर्ष सात टीमों में स्थान दिलाया। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी आयोजनों में से एक है, युवाओं को वास्तविक समस्याओं के लिए नवाचारी समाधान प्रस्तुत करने का मंच प्रदान करता है।

राष्ट्रपति भवन में विशेष सम्मान-

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अस्मी खरे को उनकी असाधारण नेतृत्व क्षमता और तकनीकी नवाचार के लिए स्वतंत्रता दिवस के ‘एट होम’ समारोह में आमंत्रित किया है। यह समारोह देश के उन चुनिंदा व्यक्तियों को सम्मानित करता है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। अस्मी उन सात टीम लीडर्स में शामिल हैं, जिन्हें इस प्रतिष्ठित आयोजन में भाग लेने का अवसर मिला है। इस मौके पर अस्मी ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय पल है। मैं अपने शहर भिलाई और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करके गर्व महसूस कर रही हूं।”

अस्मी खरे का प्रेरणादायक सफर-

अनिल खरे और स्मिता खरे की बेटी अस्मी ने पहले भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई हैकाथॉन में पुरस्कार जीते हैं। उनकी यह उपलब्धि तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को प्रोत्साहित करने का एक शानदार उदाहरण है। भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसरों और सहपाठियों ने भी अस्मी की इस उपलब्धि पर गर्व जताया है।

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