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Banke Bihari Mandir: यूपी विधानसभा से पास बांके बिहारी कॉरिडोर बिल, मंदिर में चढ़ावा, दान, सभी चल और अचल संपत्ति पर ट्रस्ट का होगा अधिकार

Banke Bihari Mandir: यूपी विधानसभा से पास बांके बिहारी कॉरिडोर बिल में कहा गया है कि मंदिर में चढ़ावा, दान, सभी चल और अचल संपत्ति पर ट्रस्ट का अधिकार होगा। मंदिर की मूर्तियां, बांके बिहारी मंदिर परिसर और सीमा के भीतर देवी-देवताओं को दी गई भेंट, पूजा और सेवा वगैरा के लिए दी गई संपत्ति, नकदी या चीज व बैंक ड्राफ्ट तथा चेक पर भी ट्रस्ट को अधिकार दिया गया है। कई और अधिकार व जिम्मेदारी भी बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट को दी गई हैं।

लखनऊ। यूपी की धार्मिक नगरी वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्था अब एक ट्रस्ट देखेगा। यूपी सरकार की ओर से बुधवार को विधानसभा में बांके बिहारी कॉरिडोर बिल को पास कराया गया। इसी बिल में ट्रस्ट के गठन की व्यवस्था की गई है।

बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए जो न्यास बनेगा, उसमें 7 पदेन और 11 मनोनीत सदस्य होंगे। मनोनीत सदस्यों में वैष्णव परंपराओं, संप्रदायों पीठ के अलावा साधु-संत, विद्वान वगैरा से तीन प्रतिष्ठित सदस्य होंगे। इसके अलावा सनातन धर्म की परंपराओं, संप्रदायों और पीठ से 3 सदस्य रखे जाएंगे। साथ ही सनातन धर्म की किसी शाखा या संप्रदाय से 3 प्रतिष्ठित लोग सदस्य होंगे। गोस्वामी परंपरा से दो सदस्य ट्रस्ट में रखे जाएंगे। इनमें एक स्वामी हरिदास के वंशज होंगे। मनोनीत सदस्य हिंदू धर्म से ही हो सकते हैं। इनका कार्यकाल तीन साल का होगा। पदेन सदस्य में मथुरा के डीएम, एसएसपी, नगर निगम आयुक्त, यूपी ब्रज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ, बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ और राज्य सरकार की ओर से नामित प्रतिनिधि होंगे। अगर कोई अफसर गैर हिंदू हुआ, तो उसकी जगह कनिष्ठ अफसर को पदेन सदस्य रखा जाएगा।

यूपी विधानसभा से पास बांके बिहारी कॉरिडोर बिल में कहा गया है कि मंदिर में चढ़ावा, दान, सभी चल और अचल संपत्ति पर ट्रस्ट का अधिकार होगा। मंदिर की मूर्तियां, बांके बिहारी मंदिर परिसर और सीमा के भीतर देवी-देवताओं को दी गई भेंट, पूजा और सेवा वगैरा के लिए दी गई संपत्ति, नकदी या चीज व बैंक ड्राफ्ट तथा चेक पर भी ट्रस्ट को अधिकार दिया गया है। बांके बिहारी मंदिर की संपत्ति में सभी आभूषण, अनुदान, योगदान और हुंडी भी होंगे। ट्रस्ट बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय तय करने के साथ पुजारियों की नियुक्ति, वेतन और भत्ते वगैरा तय करेगा। भक्तों की सुरक्षा और मंदिर का प्रबंधन भी ट्रस्ट की जिम्मेदारी होगी। बांके बिहारी मंदिर में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए दर्शन के वास्ते अलग रास्ते वगैरा भी बनाने का यूपी सरकार ने फैसला किया है। बता दें कि बांके बिहारी मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। यहां का प्रबंधन देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी भी बनाई है।

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