Kashish Kapoor viral video : गणेश विसर्जन में बजने वाले ढोल-ताशे को एक्ट्रेस कशिश कपूर ने कहा शोर-शराबा
Kashish Kapoor viral video : कशिश ने विसर्जन समारोह के दौरान एक रील पोस्ट की और उन भक्तों की आलोचना की जो असहनीय शोर में ढोल-ताशा बजा रहे थे. कपूर ने कहा कि वह 20वीं मंजिल पर रहती हैं, फिर भी उन्हें ढोल की तेज आवाज तीन घंटे से ज्यादा समय तक सुनाई दे रही है.
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पूरा देश गणेश चतुर्थी मना रहा है, भगवान गणेश की स्तुति कर रहा है और विघ्नहर्ता की स्तुति में डूबा हुआ है. हालांकि एक्ट्रेस कशिश कपूर इस उत्सव से परेशान हैं. कशिश तेज म्यूजिक से ‘परेशान’ महसूस कर रही हैं और उन्होंने खुलकर अपनी निराशा जाहिर की है. इंस्टाग्राम पर कशिश ने विसर्जन समारोह के दौरान एक रील पोस्ट की और उन भक्तों की आलोचना की जो असहनीय शोर में ढोल-ताशा बजा रहे थे. कपूर ने कहा कि वह 20वीं मंजिल पर रहती हैं, फिर भी उन्हें ढोल की तेज आवाज तीन घंटे से ज्यादा समय तक सुनाई दे रही है. कशिश ने उन लोगों की आलोचना की जो इस तरह की प्रथाओं का समर्थन कर रहे हैं.
कशिश ने वीडियो में क्या कहा?
रील में कशिश कहती हैं, “परेशान करके कौन सी भक्ति होती है? अब कुछ धर्म के रक्षक और पुजारी मेरे कमेंट सेक्शन में मुझे गाली देने के लिए आएंगे. पर प्लीज, फेयर वे में कह रही हूं. मैं 20वीं मंजिल पर रहती हूं, मेरे घर के सारे के सारे खिड़की दरवाजे सब कुछ बंद है. फिर भी जो नीचे शोर हो रहा है, वो मेरे सर में घुस रहा है 20वीं मंजिल तक, जुलूस है, मैं भी गई हूं. मैंने भी आनंद लिया है. लेकिन तुम साढ़े तीन घंटे से ढोल पीट रहे हो, सर दर्द हो गया है. बंद कर दो अब. खुशी मनाना है तो ऐसे करो कि दूसरे डिस्टर्ब न हो. गाली देने की जरूरत नहीं है, समझने की जरूरत है.” कशिश ने नेटिजन्स से सपोर्ट मांगा, लेकिन ज्यादातर लोगों ने उन्हें नेगेटिव कमेंट ही दिए.
कशिश की पोस्ट पर दस में से सात कमेंट्स लोग एक्ट्रेस को क्रिटिसाइज कर रहे हैं और उनके पाखंड की निंदा कर रहे हैं. एक इंटरनेट यूजर ने लिखा, “इसे हैरेसमेंट कहना पूरी तरह से गलत है. अगर रात भर तेज म्यूजिक पार्टी झेल सकते हैं तो आप तीन घंटे की भक्ति का सम्मान क्यों नहीं कर सकते?”. एक ने लिखा, “यह उनकी भक्ति व्यक्त करने का तरीका है, अगर आपको परेशान किया जा रहा है या कुछ और, तो आप ईयरफोन का इस्तेमाल कर सकते हैं या गणेश चतुर्थी के दौरान मुंबई से बाहर निकल सकते हैं.” एक नेटिजन ने लिखा, “विसर्जन के ढोल सिर्फ गणपति के आगमन पर बजाए जाते हैं और अचानक ‘उत्पीड़न’ में बदल जाते हैं? कमाल है. ढोल-ताशा को कानूनी मंजूरी है, और यह महाराष्ट्रीयन संस्कृति है.” ऐसा लग रहा है कि कशिश ने नेटिजन्स को नाराज कर दिया है, और सोशल मीडिया पर उनके कुछ फॉलोअर्स कम भी हो सकते हैं.