महतारी वंदन की राशि की वसूली बिजली बिल से कर रही सरकार : पूर्व विधायक, विनोद चंद्राकर
महासमुंद: पूर्व संसदीय सचिव छग शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना की छूट सीमा घटाकर एक तरह से इस जनहित के महत्वपूर्ण योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इससे जिले सहित पूरे प्रदेश के ऐसे लाखों हितग्राही जो पूर्ववर्ती भूपेश शासनकाल के समय बने इस महत्वपूर्ण योजना से लाभान्वित हो रहे थे, वे आज भाजपा की साय सरकार को कोस रहे हैं। चंद्राकर ने कहा है कि भाजपा सरकार महतारी वंदन की राशि की वसूली बिजली बिल से कर रही है।

चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश की साय सरकार अपनी जिम्मेदारियों से आंखें मूंद रही है। पहले ही महंगाई से जूझ रहे लोगों पर अब बिजली के भारी-भरकम बिलों का बोझ पड़ रहा है। बिजली बिल हाफ योजना की छूट सीमा घटाने एक तरह से यह योजना के बंद होने के बाद उपभोक्ताओं के बिलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। कई उपभोक्ताओं के बिल 3 से 4 गुना तक बढ़ गए हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। आम जनता अब महंगाई के साथ-साथ महंगे बिजली बिलों की मार भी झेलने को मजबूर है। बिजली बिल के कारण आम जनता की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ती जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य है, जहां जल, जंगल और जमीन जैसे संसाधनों की भरमार है। यहां कोयले से बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन होता है, लेकिन उसका लाभ केवल उद्योगपतियों तक ही सीमित है। प्रदेश के मूल निवासियों को अगर बिजली मिल रही है तो भी भारी दरों पर, जबकि उन्हें न्यूनतम दर पर बिजली उपलब्ध कराई जानी चाहिए। पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि सरकार स्थानीय जनता के हक का दोहन कर रही है। प्रदेश के संसाधनों पर उद्योगपतियों का कब्जा है और आम जनता को महंगे बिजली बिल थमा दिए गए हैं। यह सीधा जनता पर बोझ है। सरकार का फोकस केवल बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना रह गया है।