लखनऊ में पड़ोसी ने कार से खेल रहे बच्चे को कुचला, CCTV वीडियो हुआ वायरल
Lucknow Crime News: लखनऊ के आशियाना में एक पड़ोसी की कार से टक्कर लगने के बाद 5 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया. CCTV फुटेज से साजिश का खुलासा हुआ, लेकिन पुलिस ने 8 दिन बाद केस दर्ज किया. जानें क्या है पूरा मामला.
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Lucknow Crime News: लखनऊ के आशियाना इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां पड़ोसी की कार से टक्कर लगने से साढ़े पांच साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया. तीन दिन तक बच्चा आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझता रहा. मगर हैरानी की बात यह है कि घटना के 8 दिन बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है.
यह मामला मामला सेक्टर आई आशियाना का है. यहां जो स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड कर्मी हरिद्वार पांडेय अपने बेटे अंकित (बैंक कर्मचारी) और बहू के साथ रहते हैं. हरिद्वार पांडेय ने बताया कि 10 अगस्त को उनका पोता शौविक पांडेय घर के बाहर खड़ा था. उसी वक्त पड़ोसी विनय उपाध्याय का बेटा कुशल सौमिल भी वहीं मौजूद था. इसी दौरान सामने रहने वाले सीएल वर्मा का बेटा शिवांस वर्मा तेज रफ्तार कार लेकर आया और शौविक को टक्कर मार दी. हादसा इतना जोरदार था कि कुशल दूर जाकर गिरा, जबकि शौविक घर का गेट तोड़कर अंदर गिरा. इस हादसे में शौविक की कॉलर बोन और पसलियां टूट गईं.
ICU में जिंदगी और मौत से जूझा मासूम
परिवार ने बच्चे को तुरंत अपोलो सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया. वहां उसकी हालत गंभीर थी और करीब तीन दिन तक वह आईसीयू में रहा. फिलहाल बच्चा घर लौट आया है, लेकिन अब भी इलाज जारी है.
शुरुआत में परिवार को यह एक सामान्य हादसा लगा. लेकिन जब CCTV फुटेज देखा गया तो साफ हुआ कि यह घटना किसी दुर्घटना से ज्यादा, सुनियोजित तरीके से की गई वारदात थी. हरिद्वार पांडेय का कहना है कि हादसे के बाद न तो सीएल वर्मा और न ही उनका बेटा अस्पताल हालचाल लेने पहुंचे. उल्टा उन्होंने बच्चे की गलती बताकर परिवार को गुमराह करने की कोशिश की.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना के बाद बातचीत के नाम पर वर्मा परिवार ने अपने घर बुलाया. वहां पहले से कई लोग मौजूद थे और बाद में और लोग आ गए. बातचीत के दौरान उन्हें धमकाने की कोशिश की गई और कहा गया कि गलती बच्चे की थी क्योंकि वह सड़क पर खेल रहा था.
हरिद्वार पांडेय ने बताया कि उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस कार्रवाई करने की बजाय उन्हें टहलाती रही. उनसे जबरन कागजों पर साइन करवाए गए और आरोपी को समय दिया गया. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने तहरीर बदलवाई और तारीख भी दबाव डालकर बदलवाई. अंततः रविवार देर रात जाकर मुकदमा दर्ज किया गया.
इस मामले पर इंस्पेक्टर आशियाना का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार जब थाने पहुंचा, तभी उनकी तहरीर पर तुरंत मुकदमा लिखा गया.