मदरसा बोर्ड कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम टोपी पहनने से किया इनकार, मंच पर हुआ विरोध और नारेबाजी
Bihar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्लिम समुदाय का भरोसा जीतने की कवायद में जुटे हैं. इस कड़ी में मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में पहुंचे नीतीश कुमार को मुस्लिम समाज ने टोपी पहनाने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री ने खुद पहनने के बजाय अपने मंत्री जमा खान को पहना दिया. अब इसे लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है.
बिहार की सत्ता पर दो दशक से काबिज सीएम नीतीश कुमार मिशन-2025 को फतह करने के लिए जुट गए हैं. वक्फ कानून और एसआईआर के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय पहले से ही उनसे खफा माना जा रहा है. ऐसे में अल्पसंख्यक संवाद के ज़रिए मुस्लिम समुदाय की नाराजगी को दूर करने पहुंचे नीतीश कुमार को पहले मदरसा शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा और उसके बाद टोपी न पहनने की वजह से एक नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है.
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मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के बापू सभागार पहुंचे थे. इस कार्यक्रम का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बिहार सरकार में मंत्री जमा खान मुख्यमंत्री नीतीश को जब टोपी पहनाने लगे तो नीतीश ने उनके हाथ से टोपी अपने हाथों में लेकर जमा खान को पहना दिया. अब इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है.
विपक्ष अब इसे लेकर नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया है. आरजेडी से लेकर कांग्रेस तक नीतीश कुमार को मुस्लिम विरोधी के कठघरे में खड़े करने की कवायद में जुट गए हैं. ऐसे में नीतीश के बचाव में जेडीयू से लेकर बीजेपी तक उतर गई है. इस तरह टोपी न पहनने को विपक्ष सियासी मुद्दा बनाने में जुट गया है. क्या यह चुनाव में जेडीयू के लिए कहीं महंगा न पड़ जाए?