लंदन में डॉ. कुमार विश्वास की ‘अपने-अपने राम’, श्रीराम कथा सुनकर भावुक हुए NRI
Kumar Vishwas in London: ब्रिटेन की राजधानी लंदन में टेम्स नदी के किनारे आयोजित प्रसिद्ध कवि और वक्ता डॉ. कुमार विश्वास की ‘श्रीराम कथा’ ने अप्रवासी भारतीयों (NRI) के दिलों को छू लिया। 27 से 29 सितंबर तक रिवरसाइड स्टूडियोज में आयोजित तीन दिवसीय ‘अपने-अपने राम’ कार्यक्रम में श्रोताओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। कार्यक्रम स्थल का नज़ारा किसी भारतीय धार्मिक समारोह से कम नहीं था। देश से दूर रहकर भी भारतीय समुदाय में अपनी जड़ों से जुड़े रहने का जो भारी उत्साह दिखा, उसने न सिर्फ आयोजकों, बल्कि वहाँ मौजूद विदेशी पर्यटकों को भी हैरान कर दिया।

डॉ. कुमार विश्वास की राम कथा को सुनते ही कई युवा लड़के-लड़कियां भावुक होकर रोने लगे। मंच के पास युवाओं में उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेने की होड़ मच गई। डॉ. विश्वास ने भी उन्हें निराश नहीं किया और आशीर्वाद देते हुए उनसे अपनी मातृभूमि के प्रति हमेशा समर्पित रहने का संकल्प कराया। भारतीयों के इस स्नेह और दीवानगी को देखकर वहाँ मौजूद अंग्रेज़ और विदेशी पर्यटक आश्चर्यचकित थे। उन्होंने उत्साह में आकर कुमार विश्वास के साथ सेल्फी भी ली। यह नज़ारा वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति और आस्था के गहरे प्रभाव को दर्शाता है।

अपने प्रवचनों के दौरान डॉ. कुमार विश्वास ने भारतीय समुदाय से अपनी जड़ों को मज़बूती से थामे रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि भले ही वे यश, धन और वैभव कमाने विदेश आ गए हों, लेकिन जब देश को उनकी ज़रूरत हो, तो बिना एक पल गंवाए अपनी मातृभूमि के पास लौट आना ही श्रीराम का सबसे बड़ा संदेश है। आधुनिकता और आध्यात्मिकता के बीच संबंध स्थापित करते हुए उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, “एआई (AI) तकनीक ‘माया’ है, जबकि श्रीराम ‘मायापति’ हैं।” उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि वे मायावी न बनें, बल्कि ज्ञान और विवेक से ‘मायापति’ बनें। उन्होंने आगाह किया कि एआई का उपयोग अगर स्वार्थ के लिए होगा तो विनाश होगा, और अगर विश्व कल्याण के लिए होगा तो मानवता नई ऊंचाइयां गढ़ेगी।

‘अपने-अपने राम’ के तीनों दिन डॉ. विश्वास की वेशभूषा ने भी खूब सुर्खियाँ बटोरीं। उनके हृदय स्थल पर ‘सीताराम’ लिखा कुर्ता और पारंपरिक दक्षिण भारतीय धोती उनके प्रशंसकों के साथ-साथ विदेशियों के बीच भी चर्चा का विषय रही। यह पारंपरिक वेशभूषा उनकी कथा और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी निष्ठा को और भी ज़्यादा प्रभावी बना रही थी।

आयोजक वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया कि कुमार विश्वास के ऊर्जा सत्रों से अप्रवासी भारतीयों की आस्था और बढ़ेगी और उनके जीवन को नई दिशा मिलेगी। सोशल मीडिया पर भी कई श्रोताओं ने अपने अनुभव को ‘दैवीय’ और ‘अद्भुत’ बताकर डॉ. विश्वास को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से कट रही है, डॉ. विश्वास रामकथा को आधुनिक तरीके से युवाओं के लिए प्रासिं बना रहे हैं।