महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन होंगे NDA के उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार
C. P. Radhakrishnan: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कई नेताओं की बैठक में इस पर सहमति बनी. जिसके बाद नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया.

सीपी राधाकृष्णन का कैसे किया गया चयन
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश चल रही थी. धनखड़ के अंतिम समय में सरकार के साथ उनकी तल्खी को लेकर यह तय हो गया था कि इस बार बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को मानने वाले किसी नेता को उम्मीदवार चुना जाएगा.

7 तारीख को NDA के सभी फ्लोर लीडर की बैठक में इस बात का फैसला लिया गया कि उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार का चयन पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. जिसके बाद भाजपा आलाकमान ने उम्मीदवार की तलाश शुरू की. रविवार को दिल्ली में करीब 2 घंटे तक चली पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी.

फिर एनडीए के सभी सहयोगी दलों से राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के बारे में बताया गया. साथ ही यह बताया गया कि उन्हें ही क्यों चुना जा रहा है. इसके बाद जेपी नड्डा ने सीपी राधाकृष्णन के नाम की घोषणा की.
सीपी राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा
राज्यपाल पदमहाराष्ट्र: 31 जुलाई 2024 से राज्यपाल.झारखंड: 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक राज्यपाल.तेलंगाना: मार्च से जुलाई 2024 तक अतिरिक्त प्रभार.पुदुच्चेरी: मार्च से अगस्त 2024 तक उपराज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार).सांसद1998 और 1999 में कोयम्बटूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए.भाजपा संगठन में भूमिका2003 से 2006 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहे.आरएसएस और जनसंघ से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. रविवार को इसकी घोषणा कर दी गई. रविवार को नई दिल्ली में पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी की घोषणा की. नड्डा ने बताया कि राधाकृष्णन अभी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. इससे पहले वो झारखंड में भी राज्यपाल रहे हैं. तेलगाना के गर्वनर का भी चार्ज इनके पास रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि इनके पास 40 साल के राजनैतिक जीवन का अनुभव है. वो दो बार लोकसभा के सांसद भी रहे हैं.