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रायपुर नगर निगम का संपत्तिकर भुगतान सिस्टम 15 दिनों से पड़ा ठप

नगर निगम हर साल नए वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में संपत्तिकर पर 6.5% की छूट देता है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग टैक्स जमा करने पहुंच रहे हैं। हालांकि, ऑनलाइन पोर्टल पर प्रॉपर्टी आईडी डालने के बाद सभी विवरण अपडेट दिखते हैं, लेकिन भुगतान ऑप्शन पर जाकर प्रक्रिया अटक जाती है।

राजस्व विभाग के अनुसार, समस्या का कारण नगर निगम चुनाव से पहले हुआ वार्ड परिसीमन है। परिसीमन के बाद वार्डों के नंबर और सीमाएं बदल गई हैं, लेकिन यह बदलाव अभी सिस्टम में अपडेट नहीं हो पाया है। पुराने वित्तीय वर्ष के डेटा के चलते भुगतान प्रणाली बाधित है। जब तक यह अपडेट नहीं होता, भुगतान शुरू नहीं हो सकेगा।

संपत्तिकर भुगतान में देरी की एक और वजह यूजर चार्ज में प्रस्तावित वृद्धि है। नियमों के अनुसार, हर तीन साल में यूजर चार्ज बढ़ाना अनिवार्य है। वर्ष 2024-25 में तीन साल पूरा हो चुका है, इसलिए 2025-26 में इसे बढ़ाकर संपत्तिकर में जोड़ा जाएगा।

नगर निगम ने तय किया है कि जिन खाली प्लाट मालिकों ने अभी तक टैक्स नहीं चुकाया है, उनसे भी यूजर चार्ज वसूला जाएगा। कई लोग खाली प्लाट का उपयोग व्यवसायिक कार्यों के लिए कर रहे हैं, लेकिन टैक्स नहीं दे रहे हैं। निगम ऐसे सभी मामलों में सख्ती बरतने की तैयारी में है।

रायपुर : रायपुर नगर निगम का संपत्तिकर भुगतान पोर्टल पिछले 15 दिनों से ठप पड़ा हुआ है, जिससे नागरिकों के कई जरूरी काम अटक गए हैं। नक्शा पास कराना, बिजली कनेक्शन लेना और गुमाश्ता लाइसेंस बनवाने जैसे कार्यों के लिए चालू वर्ष की टैक्स रसीद आवश्यक होती है, लेकिन पोर्टल बंद होने से लोग परेशान हो रहे हैं।

नगर निगम हर साल नए वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में संपत्तिकर पर 6.5% की छूट देता है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग टैक्स जमा करने पहुंच रहे हैं। हालांकि, ऑनलाइन पोर्टल पर प्रॉपर्टी आईडी डालने के बाद सभी विवरण अपडेट दिखते हैं, लेकिन भुगतान ऑप्शन पर जाकर प्रक्रिया अटक जाती है।

राजस्व विभाग के अनुसार, समस्या का कारण नगर निगम चुनाव से पहले हुआ वार्ड परिसीमन है। परिसीमन के बाद वार्डों के नंबर और सीमाएं बदल गई हैं, लेकिन यह बदलाव अभी सिस्टम में अपडेट नहीं हो पाया है। पुराने वित्तीय वर्ष के डेटा के चलते भुगतान प्रणाली बाधित है। जब तक यह अपडेट नहीं होता, भुगतान शुरू नहीं हो सकेगा।

संपत्तिकर भुगतान में देरी की एक और वजह यूजर चार्ज में प्रस्तावित वृद्धि है। नियमों के अनुसार, हर तीन साल में यूजर चार्ज बढ़ाना अनिवार्य है। वर्ष 2024-25 में तीन साल पूरा हो चुका है, इसलिए 2025-26 में इसे बढ़ाकर संपत्तिकर में जोड़ा जाएगा।

नगर निगम ने तय किया है कि जिन खाली प्लाट मालिकों ने अभी तक टैक्स नहीं चुकाया है, उनसे भी यूजर चार्ज वसूला जाएगा। कई लोग खाली प्लाट का उपयोग व्यवसायिक कार्यों के लिए कर रहे हैं, लेकिन टैक्स नहीं दे रहे हैं। निगम ऐसे सभी मामलों में सख्ती बरतने की तैयारी में है।

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